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Robin Hood: The Hero of Sherwood Forest Robin Hood: The Hero of Sherwood Forest In the heart of medieval England, amidst the towering oaks and whispering leaves of Sherwood Forest, lived a man whose name echoes through the ages — Robin Hood . The legendary outlaw who stole from the rich to give to the poor, Robin Hood stands as a symbol of justice, bravery, and hope against tyranny. Sherwood Forest—the legend’s home. The Man Behind the Legend Robin Hood’s story begins with a man of noble heart, but hunted by the law. Some say he was once a wronged nobleman; others claim he was a commoner stirred by compassion. Whatever his origins, Robin became an outlaw not by choice, but in pursuit of justice. The archer who defied injustice. Life in Sherwood Forest In Sherwood, Robin gathered a loyal band of outlaws—Little John, Friar Tuck, Will Scarlet, and more—each committed to defending the poor and resisting the sheriff’s ...

वह पागल हो रही है.....!

 उम्र सत्रह साल कुछ महीने एजूकेशन हायर सेकेन्ड्री का एग्जाम ...निवास एक महानगर ....नाम जो भी आप को उचित लगे उस नाम से पुकार ले ....लेकिन इस सच्ची कहानी की पात्र आधुनिक समाज का एक जीता-जागता चेहरा है...जो यह बताती है कि नयी टेक्नालाजी तमाम अच्छाइयो के साथ कुछ बुराइया भी समाज मे फ़ैला रही है...!            ळ्डकी के पिता एक पब्लिक सेक्टर मे सर्विस करते है लडकी से एक छोटा भाई है जो बारह तेरह साल का होगा ...मा॑ है ..अभी छह महीने पहले तक सुख शान्ति से रहने वाला एक आम परिवार था....लड्की भी एक सामान्य सी सीधी साधी ही लडकी लगती थी देखने मे..शहर के अच्छे इग्लिश मीडियम स्कूल मे जाना...अपनी कोचिग क्लाश ऒर ट्यूशन अटेन्ड करना..एक सामान्य सी दिनचर्या.....! लेकिन कब उसकी जिन्दगी ने करवट ली ....यह किसी को नही मालूम ....लेकिन सबसे पहले उसकी मा॑ को ही सबसे पहले कुछ अन्दाजा हुआ जब उसका समय मोबाइल पर कुछ ज्यादा समय लगने लगा...लेकिन उन्होने थॊडा बहुत टोकने के बाद समझाया बुझाया ....समय बरबादी का हवाला दिया.....जब कुछ सुधार नही हुआ तो उन्होने लडकी से मोबाइल वापस ले लिया ...! कुछ समय बाद मा॑ ने गॊर किया तो उन्हे लगा कि घर से कुछ रुपये भी गायब होने लगे....उनका एक सोने की चेन भी गायब हो गयी जिसकी कीमत तीस हजार के आस-पास रही होगी...लेकिन उन्होने कभी अपने बच्चो पर शक नही किया, सोचा घर मे मरम्मत का कर्य चल रहा है तो किसी लेबर या काम वाली बाई का ही हाथ होगा...लेकिन घर के अन्दर क्या चल रहा है यह उनको कहानी खुलने के बाद ही अन्दाज हो पाया....! जब एक दिन लडकी के पास एक ऒर मोबाइल पकडा गया जो उसने घर वालो से चोरी-छिपे किसी तरह से खरीदा था...इसके बाद उसके पिता ने अपनी जिन्दगी मे दूसरी बार लड्की की पिटाई लगाई क्योकि वह अपने लडके से भी ज्यादा लडकी को प्यार करते है...! जब कुछ ऒर खोज बीन की गई तो कुछ लव लेटर भी उसके रूम से पकडे गये....जो कि उनके अपने घर के पते से नही आये थे बल्कि किसी ऒर एड्रेस से मगाये गये थे...जब उस एड्रेस की तलाश की गयी तो वह पता एक साइबर कैफ़े का निकला..जब लडकी के पिता ने कैफ़े वाले को पुलिस का डर दिया गया तो उसने बताया कि...लडकी दिन मे छह-छह घन्टे कैफ़े पर बैठ कर चैटिग किया करती थी....! इसके बाद लडकी के माता पिता ने उसके स्कूल से सम्पर्क किया तो पता चला कि लडकी काफ़ी समय से स्कूल मे भी रेगुलर नही रही है..जिसके नोटिस उनके घर पर भी भेजे गये..लेकिन कोई जबाब नही आया ..दरासल...लड्की ने सभी नोटिस घर आने पर फ़ाड दिये थे...साथ ही उसने कोई कोचिग क्लास भी अटेन्ड नही की....                              अब एसी स्थित मे हर मा॑-बाप की तरह उनकी भी जमीन पाव से निकल गयी....उन्होने दूसरा मोबाइल भी लडकी से छीन लिया ऒर इस बार जब माता पिता ने डाटा तो लडकी विद्रोह पर उतर आयी....लडकी ने खाना-पीना बिल्कुल बन्द कर दिया ...ओर इसके साथ ही उनके यहा॑ सभी लोगो का खाना पीन छूट गया.....बस वह दिन भर बिस्तर पर पडी रहती है...ऒर रात मे जब कभी उसकी मा॑ सोने की कोशिश करती है...तो वह नोच-नोच कर उनको जगाती है ....कहती है कि आप लोगो ने मेरा जीना हराम किया है तो मै आप लोगो का भी खाना-पीना हराम कर दूगी...ना खुद खाउगी ना आप लोगो को खाने दूगी ...ना खुद सौउगी ना सोने दूगी.....यहा तक कि उसने अपने छोटे भाई की कापी किताबे भी फ़ाड दी...ऒर यह सिल-सिला आज तक जारी है....ऒर पूरे परिवार का सुख चैन हराम हो गया है...वह ना किसी से बात कर रही है ना किसी की कोई बात सुन रही है....!                जो कुछ थोडा बहुत लडकी ने बताया है उस आधार पर...लडका उस के शहर का नही है वह दूसरे शहर का है जिससे वह नेट के जरिये से सम्पर्क मे आयी ऒर मामला यहा॑ तक पहुचा....अब माता-पिता इस बात पर तैयार है कि अगर वह लडके को बुला ले तो वह उससे एक बार मिलने के बाद शादी के बारे मे सोचेगे....लेकिन लडकी को उनकी बात पर भरोसा नही है....ऒर उसका पागल-पन जारी है...! मै नही समझ पा रहा हू कि यह प्यार की नादानी है या फ़िर नासमझ उम्र का पागल पन.....जो एक प्यार को पाने के लिये अपने माता-पिता के सत्रह साल के प्यार को अपमानित प्यार को अपमानित कर रहा है...साथ मे भाई-बहन के प्यार को गर्त मे ढकेल रहा है....क्या आज के समय मे बाकी चीजो के साथ प्यार के मायने भी बदल दिये है...!
सूत्रधार !

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